योगी सरकार ने भी बंद किया मदरसा शिक्षकों का मानदेय
- sakshi
- Wednesday Jan,2024
अखिलेश सरकार ने उत्तर प्रदेश में अपनी सत्ता के दौरान मदरसा शिक्षकों का मानदेय बड़ा दिया था. जिसे अब योगी सरकार द्वारा बंद कर दिया गया है. दरहसल पहले ही केंद्र सरकार ने मदरसा शिक्षकों का मानदेय बंद कर दिया था, अब योगी सरकार ने भी मदरसा शिक्षकों का मानदेय बंद करा दिया है. मतलब अब केंद्र सरकार और योगी की ओर से कोई भी मानदेय नहीं देगा. इस फैसला के बाद से 25000 मदरसा शिक्षकों का मानदेय खत्म हो गया है.
कब से शुरू हुआ ये मानदेय
1993-94 से चल रही है केंद्र सरकार द्वारा 'मदरसा आधुनिकरण योजना'. इसके तहत मदरसे में हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान, गणित और सामाजिक विज्ञान को पढ़ने के लिए शिक्षक रखे गए थे. 2008 से इस स्कीम को 'फॉर प्रोविजनिंग क्वालिटी एजुकेशन इन मदरसा' के नाम से चलाया जाने लगा. इस स्कीम के तहत 25000 शिक्षक रखे गए थे जिसमें ग्रेजुएट शिक्षकों को 6000 और मास्टर्स कर चुके शिक्षकों को 12000 प्रति माह मानदेय दिया जाता था.
अखिलेश सरकार ने बढ़ाया मानदेय
जिसे 2016 में अखिलेश सरकार ने 2000 से 3000 प्रति माह मानदेय अपनी और से बड़ा दिया था. इसके बाद से स्नातक मदरसा टीचरों को 8000 और परास्नातक शिक्षकों को 15000 मानदेय दिया जा रहा था.
क्यों बंद हुआ मानदेय?
केंद्र सरकार द्वारा 2021-22 तक ही था, जिसे केंद्र सरकार द्वारा पहले से ही मानदेय नहीं मिले रहा है. बजट में दिए जाने वाले अतिरिक्त मानदेय की भी व्यवस्था को भी हटा दिया गया. अब इस मानदेय में कोई भी वित्तीय स्वीकृति जारी नहीं की गई है. इसी वजह से सभी जिलों को आदेश भेजते हुए मानदेय देने पर रोक लगा दी है. अल्पसंख्यक कल्याण के जॉइंट सेक्रेटरी हरि बक्श सिंह के अनुसार मानदेय की व्यवस्था को खत्म कर दिया गया है। इसके लिए बजट में कोई भी वित्तीय स्वीकृति नहीं दी जा रही है। इसका आदेश जिलों को भी भिजवा दिया गया है।
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